Tuesday, 5 September 2017
Bihar
बिहार के महत्वपूर्ण स्थलों की सूची में महत्वपूर्ण स्थलों का नाम अकारादि क्रम से उनके संक्षिप्त परिचय के साथ शामिल किया गया है। यह अभी अपूर्ण सूची है।
अंग महाजनपद- प्राचीन भारत के १६ महाजनपदों में से एक था। सर्वप्रथम अथर्ववेद में उल्लिखित अंग-प्रदेश के अंतर्गत महाभारत के साक्ष्यों के अनुसार आधुनिक भागलपुर, मुंगेर और उससे सटे बिहार और बंगाल के क्षेत्र आते थे। इसकी राजधानी चंपा थी।
जमुई - बिहार का प्रमुख जैन तीर्थ स्थल जिसे प्राचीन काल में जूम्भिकग्राम और जमबुबानी के नाम से जाना जाता था। यहीं उज्जिहवलिया नदी के तट पर भगवान महावीर ने दिव्य ज्ञान प्राप्त किया था।
दरभंगा - उत्तरी बिहार में बागमती नदी के किनारे बसा दरभंगा एक जिला एवं प्रमंडलीय मुख्यालय है। रामायण काल में मिथिला के नाम से जाना जाने वाला इस शहर के आधुनिक स्वरूप का विकास सोलहवीं सदी में मुग़ल व्यापारियों तथा ओईनवार शासकों द्वारा विकसित किया गया। यह जिला आम और मखाना के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
पटना- बिहार की राजधानी पटना प्राचीन काल में पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था। मेगास्थनीज (३५० ईपू-२९० ईपू) ने अपने भारत भ्रमण के पश्चात लिखी पुस्तक इंडिका में इसके बारे में पलिबोथ्रा नाम से लिखा है। वर्तमान में गंगा नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित यह शहर, हिंदुओं के साथ ही बौद्धों, जैनियों मुसलमानों और सिक्खों के लिए भी महत्वपूर्ण स्थल है।
बक्सर- बिहार के पश्चिम्ी भाग मे गन्गा नदी के तट पर स्थित यह ऐतिहासिक एवं पौराणिक दृष्टि से से महत्वपूर्ण शहर है। व्याघ्रसर नाम से प्राचीन काल में प्रसिद्ध यह स्थल बाघों का मुख्य आवास था जहाँ एक विशाल सरोवर हुआ करता था। यहाँ ऋषि विश्वामित्र के आश्रम में राम और लक्ष्मण का प्रारम्भिक शिक्षण-प्रशिक्षण हुआ था। बाद में राम ने यहाँ ताड़का वध किया था। १७६४ ई॰ में यहाँ बक्सर का भीषण युद्ध हुआ था जिसने भारत में अंग्रेजी साम्राज्य की स्थापना का मार्ग आसान बना दिया था।
वैशाली - बिहार के तिरहुत प्रमंडल का जिला शहर जो विश्व के प्राचीनतम गणतंत्र के रूप में जाना जाता है। भगवान महावीर की जन्म स्थली होने के कारण जैनियों का यह तीर्थस्थल भगवान बुद्ध के तीन बार आगमन के कारण बौद्धों के लिए भी महत्वपूर्ण तीर्थ-स्थल है। रामायणकालीन इस शहर में आज कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संस्थान हैं।
मुंगेर - बिहार का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व वाला शहर जिसे महाभारत काल में मोदगिरी नाम से जाना जाता था। बंगाल के अंतिम नवाब मीरकासिम ने इसे अपनी राजधानी बनाया था।
सीतामढ़ी - यह सीता की जन्म-स्थली के रूप में पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है। त्रेता युग में राजा जनक की पुत्री तथा भगवान राम की पत्नी देवी सीता का जन्म पुनौरा में हुआ था।
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